अनलॉक भारत में संभलकर चले सरकार और जनता

अनलॉक भारत में संभलकर चले सरकार और जनता

नरजिस हुसैन

भारत में मार्च से लगे लॉकडाउन को जब पहली जून से हटाने का सरकार ने फैसला किया तब विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना था कि कोरोना वायरस ने अब तक देश में तबाही नहीं मचाई है लेकिन, लॉकडाउन खुलने के साथ ही इसकी गुंजाइश बहुत ज्यादा बढ़ सकती है। ऐसा विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक सीनियर अधिकारी माइकल रेयान ने कहा था और सात ही यह भी कि वायरस फैलाव के जिस मुहाने पर इस वक्त भारत खड़ा है वहां से इसे दोगुना होने में सिर्फ तीन हफ्ते ही लगेंगे। हालांकि उन्होंने यह तो नहीं बताया कि वायरस किस रफ्तार से और किस दिशा में किस तेजी से बढ़ेगा लेकिन, हर राज्य, शहर और ग्रामीण इलाकों में इसका फैलाव अलग-अलग तौर पर देखा जा सकता है।

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यूं अगर दक्षिण एशिया को देखा जाए तो न सिर्फ भारत बल्कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी जहां अब तक कोरोना विस्फोट की नौबत नहीं आई है वहां इसका रिस्क होने की उम्मीद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जताई है। क्योंकि कोरोना अभी तक कम्युनिटी स्तर पर फैलना नहीं शुरू हुआ है लेकिन, जैसे ही ऐसा होगा वैसे ही संक्रमण तेजी से फैलना शुरू हो जाएगा। बांग्लादेश में कोरोना संक्रमपण का आंकड़ा 65,000 के पार पहुंच गया है जबकि पाकिस्तान में यह एक लाख पार करने वाला है। हालांकि, यह बात सही है कि भारत में जिस तरह से प्रवासी मजदूरों का शहर छोड़ना, शहरों में घनी बसी आबादी और लोगों का रोजगार पर जाना एक मजबूरी है लेकिन, यही हालात कोरोना को पलटकर हमला करने के लिए काफी है।

भारत फिलहाल, पूरी दुनिया में इटली को भी पीछे छोड़ कोरोना के पांच सबसे ज्यादा ग्रसित देशों में शामिल हो गया है। स्पेन (2,41,310) जोकि कोरोना का कहर झेलने वाले पांच देशों में शामिल था उसे भी भारत (2,56,611) ने पीछे धकेल दिया है। फिलहाल, भारत कोरोना के पांच सबसे ज्यादा पीड़ित देशों- अमेरिका, ब्राजील, रूस और ब्रिटेन से पीछे है। भारत में कोरोना से मरने वालों का ताजा आंकड़ा 7,135 है। और कल यानी 7 जून को अब तक सबसे ज्यादा 10 हजार के करीब संक्रमित मरीज एक दिन में पाए गए। सबसे संक्रमित शहरों में नई दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई है। बावजूद इसके दिल्ली में सोमवार यानी 8 जून से धार्मिक स्थल, मॉल और रेस्टोरेंट खुलने शुरू हो रहे हैं। यही नहीं ताज महल सहित देश के 820 दर्शनीय और धार्मिक स्थलों को भी सरकार ने खोलने के आदेश दे दिए हैं।

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भारत में सबसे ज्यादा कोरोना से जिन राज्यों पर असर पड़ा है उनमें पहला नंबर है महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तेलंगाना है। हालांकि, ये बात और है कि देश में जितनी तेजी से लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे है उसी रफ्तार से लोगो ठीक भी हो रहे हैं लेकिन, फिर भी लोगों के बीच कोरोना का डर बरकरार है। देश में जिस तरह से पहले 21 फिर 19 फिर 14 दिन और दोबारा 14 दिनों का जो लॉकडाउन सरकार ने लगाया था उसमें कोरोना के दोगुनी तेजी से बढ़ने की गुजांइश कम तो हुई थी।

अब लॉकडाउन खुलने के बाद सरकार को यह तो बिल्कुल ध्यान रखना होगा कि संक्रमण की रफ्तार तेजी से आसमान न छू जाए। भारत क्योंकि एक बहुत अलग देश है जहां अलग-अलग लोग एक साथ रहते है, बड़ा देश है जिसमें शहरी इलाके भी हैं और ग्रामीण भी। मैदान, पहाड़, गर्म सर्द हर तरह के मौसम और तापमान यहां देखने को मिलते है और हर राज्य के पास स्वास्थ्य सुविधाएं एक जैसी सक्षम और सशक्त नहीं है इसका भी सरकार को ध्यान रखना होगा।  

यहां शहरी इलाकों में तो सोशल डिस्टैंसिंग रखना मुश्किल है इसलिए बेहतर होगा कि डॉक्टरों की बताई हुई बातों को जनता भी नियम से माने मसलन मास्क जैसा भी उपलब्ध है पहनें, हाथों को कुछ-कुछ वक्त पर धोते रहे, लोगों से कम मिलें, बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर जाएं वगैरह। खतरे और चिंता की बात तो यही है कि शहरों में जन परिवहन खुल रहे हैं, ऑफिस, दुकानें, मॉल सभी कुछ धीरे-धीरे खुल तो रहे हैं लेकिन, किस रिस्क पर इसका भी आंकलन सरकार या उसकी एजेंसियां करे तो बेहतर होगा।

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दरअसल मुसीबत भी यही है कि भारत जैसे देश में सारा काम घर से करना मुमकिन नहीं है कई ऐसे भी काम है जिन्हें करने के लिए लोगों को घरों से बाहर आना ही होता है ऐसे में एक की लापरवाही सब पर भारी पड़ जाती है। इसलिए लोगों की आदतों में बदलाव और आपस में संपर्क से ही कोरोना के खिलाफ जंग जीती जा सकती है।

 

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